इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन शिवजी को यदि फूल अर्पित किया जाए, तो कैसा फल मिलता है। यहां जानें शिव पुराण के मुताबिक महाशिवरात्रि पर कौना सा फूल चढ़ाने से मिलता है कैसा फल…
इस वर्ष महाशिवरात्रि का महापर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन शनिवार पड़ रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन देवों के देव महादेव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। पत्रिका.कॉम इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन शिवजी को यदि फूल अर्पित किया जाए, तो कैसा फल मिलता है। यहां जानें शिव पुराण के मुताबिक महाशिवरात्रि पर कौना सा फूल चढ़ाने से मिलता है कैसा फल…
यदि लाल और सफेद आंकड़े के फूलों से शिव जी का पूजन किया जाए, तो शिव लोक यानी मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि शिव जी को शमी के फूल, बेला का फूल प्रिय हैं.
भगवान शिव की साधना में अलसी के फूल का विशेष महत्व है.
मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति अगस्त्य फूल के साथ भगवान शिव की उपसना करता है तो समाज में उसके मान-सम्मान और यश में वृद्धि होती है. अगस्त्य के पेड़ को अलग-अलग स्थानों पर लोग हथिया, मुनिवृक्ष, वंगसेन आदि नामों से जानते हैं. मान्यता है कि इसी पुष्प के वृक्ष के नीचे अगस्त्य मुनि ने बैठकर तपस्या की थी, इसीलिए यह इसे अगस्त्य कहा गया.
भगवान शिव की पूजा में हरसिंगार के फूल का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. हरसिंगार के फूलों को पारिजात या शिउली का फूल भी कहते है. यह फूल सफेद रंग का होता है और इसमें एक नारंगी रंग की डंडी होती है. रात में खिलने वाले इस फूल को महादेव पर अर्पित करने से साधक के सुख व वैभव में वृद्धि होती है.
हरसिंगार के फूलों से शिव की पूजा करेने पर संपत्ति का चिरकाल का लाभ मिलता है।
धतूरा भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. शिव जी की पूजा में इसके फल और फूल को विशेष रूप से चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि जो दंपत्ति पावन शिवरात्रि पर इस धतूरे के फूल के साथ भगवान शिव की पूजा करते है, उन्हें शिव कृपा से जल्द ही संतान सुख की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि यदि दुख-दारिद्रय को दूर करना है तो जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करना न भूलें. माना जाता है कि इस फूल से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने पर घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती. कहा जाता है कि भगवान शिव के आशीर्वाद से दरिद्रता आपके घर से कोसों दूर रहती है.
यदि महाशिवरात्रि पर चमेली के फूल से शिव पूजन किया जाए, तो आपको वाहन सुख की मिलता है।
यदि महाशिवरात्रि पर आप शिव जी को अलसी के फूल चढ़ाते हैं, तो आप पर स्वयं विष्णु भगवान कृपा बरसाते हैं।
यदि महाशिवरात्रि पर कनेर के फूलों से शिव पूजन किया जाए, तो आपको सदैव नए-नए वस्त्र मिलते रहते हैं।
यदि महाशिवरात्रि पर्व पर शमी के फूल से शिव पूजन किया जाए, तो शिव के आशीर्वाद के साथ ही शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
महाशिवरात्रि पर आप बेला के फूलों से शिव जी का पूजन करते हैं, तो आपको सुंदर और योग्य पत्नी मिलती है।
महाशिवरात्रि के दिन पारद शिवलिंग पर जो 108 बिल्वपत्र अर्पित करता है, उसे व्यापार में कभी घाटा नहीं होता है।
महाशिवरात्रि पर जूही के फूलों से शिव पूजा की जाए, तो जीवन भर घर में अन्न की कमी नहीं होती।
धतूरे के फूलों से शिवपूजन किया जाए, तो उसे सुयोग्य पुत्र मिलता है। वो पुत्र पूरे कुल में योग्य होता है और उसे प्रसिद्धि मिलती है।
भगवान शिव को चमेली का फूल बहुत प्रिय है. वेदों में जिक्र आता है कि चमेली के फूल से शिवलिंग की पूजा करने पर मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह होता है.
महाशिवरात्रि 2023 पूजन सामग्री
महाशिवरात्रि 18 मार्च को है. ऐसे में आप एक या दो दिन पूर्व पूजन सामग्री मंगा लें, तो अच्छा होगा क्योंकि महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र आदि नहीं तोड़ते हैं, इससे दोष लगता है. महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए सबसे आवश्यक सामग्री नीचे दिए जा रहे हैं.
1. बेलपत्र
2. गंगाजल
3. गाय का दूध और दही
4. भांग, मदार, धतूरा
5. मदार का फूल या सफेद फूल
6. सफेद चंदन, केसर, इत्र
7. पान-सुपारी, जनेऊ
8. अक्षत्, शक्कर, शहद, इलायची, लौंग
9. मौसमी फल, बेर, पुष्पमाला
10. शमी का पत्ता, बैठने के लिए आसन
11. शिव जी के लिए वस्त्र
12. पेड़ा, मालपुआ, ठंडाई, लस्सी, हलवा, मखाने की खीर आदि भोग के लिए
13. भस्म, रक्षासूत्र, शिव चालीसा, शिव आरती की पुस्तक
14. महाशिवरात्रि व्रत कथा की पुस्तक, शिव जी की मूर्ति, तस्वीर या छोटा शिवलिंग
15. दक्षिणा के लिए कुछ रुपये
16. महाशिवरात्रि पर दान की कुछ सामग्री
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