अक्सर आपने अपने घर या आस पड़ोस में लोगों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि अमुक व्यक्ति मांगलिक है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल भारी होते हैं वे मांगलिक या उनके ऊपर मंगल दोष रहता है। जन्म कुंडली के अध्ययन से कुंडली के प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव तथा द्वादश भाव में से किसी भी भाव में मंगल का होना जन्मपत्रिका को मांगलिक बना देता है। मांगलिक कुंडलियों में यदि मंगल प्रथम भाव में वृषभ या तुला राशि के हो तो ये जातक के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं ऐसा जातक क्रोधी, झगड़ालू और जिद्दी होता है।
जीवन के मंगल दोष को लेकर लोगों में तमाम गलत धारणाएं हैं. यही वजह है कि लोग अक्सर इस दोष के होने पर लोग बहुत घबरा जाते हैं. मंगल दोष से हमेशा बुरा असर ही नहीं पड़ता है. आइए जानते हैं कब मंगल दोष लाभदायी हो सकता है..
मांगलिक का विवाह मांगलिक से ही क्यों माना जाता है शुभ
कुंडली में मंगल दोष कैसे
– यहाँ व्यक्ति बहुत ज्यादा सुन्दर नहीं होता , चेहरे पर लालिमा रहती है
– यहाँ मंगल माता और जीवनसाथी के प्रति ख़राब व्यवहार करवाता है
– यहाँ वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ जाती हैं
– व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होता है
– कठिन से कठिन स्थितियों में भी समस्याओं पर विजय प्राप्त कर लेता है
– इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए नियमित रूप से गुड़ का सेवन करें
– लाल रंग का प्रयोग कम से कम करें
– यह मंगल दोष सबसे कम अशुभ प्रभाव पैदा करता है
– यह मंगल वैवाहिक जीवन में तालमेल में समस्या देता है
– ऐसे लोग बड़े शक्तिशाली और आकर्षक होते हैं
– दूसरों को बड़ी तेजी से अपनी और आकर्षित करते हैं
– इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए हनुमान जी की उपासना करें
– घर में सूर्य के प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था करें
– यह मंगल व्यक्ति के अंदर उग्रता और हिंसा पैदा करता है
– इसके कारण व्यक्ति चीज़ों को लेकर बहुत ज्यादा उपद्रव करता है
– इस मंगल के कारण अक्सर वैवाहिक जीवन में हिंसा आ जाती है
– पर यह मंगल संपत्ति और संपत्ति सम्बन्धी कार्यों में लाभकारी होता है
– व्यक्ति बड़े पद और ढेर सारी सम्पत्तियों का स्वामी होता है
– इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए मंगलवार का उपवास रक्खें
– एक ताम्बे का छल्ला , मंगलवार को , अनामिका अंगुली में धारण करें
– यह मंगल वाणी और स्वभाव को ख़राब कर देता है
– इसके कारण जीवन में अकेलापन पैदा होता है
– कभी कभी पाइल्स और त्वचा की समस्या हो जाती है
– ऐसा मंगल वैवाहिक जीवन में अलगाव या दुर्घटनाओं का कारण बनता है
– इस मंगल के कारण आकस्मिक रूप से धन लाभ होता है
– व्यक्ति कभी कभी अच्छा शल्य चिकित्सक भी बन जाता है
– इस मंगल के प्रभाव को समाप्त करने के लिए नित्य प्रातः मंगल के मंत्र का जाप करें
– हर मंगलवार को हनुमान जी को चमेली का तेल और सिन्दूर चढ़ाएं
– यह मंगल सुख और विलास की इच्छा को भड़काता है
– ऐसे लोग किसी भी चीज़ से संतुष्ट नहीं होते
– यह मंगल वैवाहिक जीवन तथा रिश्तों में अहंकार की समस्या देता है
– यह मंगल दोष भी सामान्य नकारात्मक होता है , बहुत ज्यादा नहीं
– इस मंगल के कारण व्यक्ति विदेश में खूब सफलता पाता है
– ढेर सारे लोगों के प्रेम और आकर्षण का पात्र बनता है
– ऐसा मंगल होने पर मंगलवार का उपवास रखना लाभदायक होता है
आचार्य मुरारी पांडेय जी
।।। जय सियाराम।।।
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