Pitra Dosha :व्यक्ति की जन्मकुंडली में अशुभ योग या दोषों के कारण जीवन समस्या से घिरी होती है। इन्हीं में से एक होता है पितृ दोष। पितृ दोष ऐसा अशुभ योग होता है जिससे व्यक्ति के जीवन में परेशानियों का सिलसिला लगा रहता है और जीवनभर उसे तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे ना सिर्फ व्यक्ति बल्कि पूरे घर पर दरिद्रता छा जाती है। पितृ दोष का मतलब होता है कि आपके पितृ आपसे नाराज हैं। इसका पता घर पर दिख रहे कुछ अशुभ लक्षणों से भी चल जाता है। लेकिन कुछ सरल उपायों से पितृ दोष को दूर भी किया जा सकता है।
1- मृत्यु पश्चात पितरों का विधिवत तरीके से संस्कार या श्राद्ध नहीं करना।
2- पितरों का क्रियाक्रम और बरसी ना करना
3- कुलदेवी की पूजा ना करना।
3- पीपल, बरगद और नीम जैसे पेड़ को कटवाना
4- श्राद्ध ना करने से रुष्ट हो जाते हैं पितृ
5- पितरों का क्रियाक्रम और बरसी ना करना।
6- श्राद्ध ना करने से रुष्ट हो जाते हैं पितृ
7- मृत्यु पश्चात पितरों का विधिवत तरीके से संस्कार या श्राद्ध नहीं करना।
8- कुलदेवी की पूजा ना करना।
9- पीपल, बरगद और नीम जैसे पेड़ को कटवाना।
पितृ दोष का सीधा संबंध हमारे पितरों से होता है। अगर आप पूर्व में किए गए किसी कामों को लेकर अपने पितरों को कोसते हैं तो इससे पितृ दुखी होते हैं और आपको श्राप दे सकते हैं। इसलिए मृत्यु पश्चात भी उनके लिए बुरे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पितरों का श्राद्ध, तर्पण और कर्म आदि जैसे कार्य विधिवत पूर्वक कराना चाहिए। इससे आपके पितृ प्रसन्न होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं। अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो लेख में बताएं गए आसान और सरल उपायों से पितृ दोष को दूर किया जा सकता है।
1- पितृ दोष वाले व्यक्ति को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है। यदि संतान हो भी गई तो संतान शारिरिक रूप से स्वस्थ नहीं होता।
2- नौकरी व्यवसाय में तरक्की नहीं होती।
3- कलह-क्लेश के कारण पारिवारिक जीवन अशांति से भरा होता है।
4- परिवार में व्यक्ति का बीमारी से ग्रसित होना। तमाम इलाजों और पैसा खर्च करने के बावजूद भी मरीज का ठीक ना होना।
5- घर पर है पितृ दोष तो रहती है दरिद्रता
6- पितृ दोष होने से व्यक्ति को झेलनी पड़ती है कई परेशानी
7- घर पर पितृ की छाया नजर आना या परिवार के लोगों पर प्रेत बाधा का प्रभाव होगा।
8- पितृ दोष की स्थिति में कुंडली में होने पर घर में विवाद की स्थिति बनी रहती है.
9- घर के बड़ों का सम्मान धीरे धीरे कम होने लगता है.
10- घर के मुखिया को अपमान सहना पड़ता है.
11- घर में प्रवेश करते हैं मन खराब होने लगता है.
12- दांपत्य जीवन में मधुरता नहीं रहती है और निरंतर हानि बनी रहती है. जमा पूंजी नष्ट हो जाती.
13- व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है.
14- बुरी संगत में पड़ जाता है.
15- विवाह में देरी होती है.
16-पितृ दोष होने से व्यक्ति को झेलनी पड़ती है कई परेशानी
1- कुंडली में राहु के दूषित होने पर.
2- राहु का सम्बन्ध धर्म भाव से होने पर.
3- राहु का संयोग सूर्य अथवा चन्द्रमा के साथ हो.
4- कुंडली में गुरु चांडाल योग हो. कुंडली में केंद्र स्थान रिक्त हों.
1- अमावस्या के दिन घर पर श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ कराएं।
2- हर माह के अमावस्या और पूर्णिमा से एक दिन पहले चतुर्दशी के दिन पीपल पेड़ पर दूध चढ़ाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें।
3- हर साल पितृ पक्ष में पड़ने वाली पितृ अमावस्या पर या फिर जिस तिथि पर पूर्वज की मृत्यु हुई उस तिथि पर पितृ दोष शांति के लिए पूजा-पाठ कराएं।
4- शनिवार के दिन किसी काले कुत्ते को उड़द के वड़े खिलाएं। इससे कुंडली में शनि, राहु और केतु ग्रहों का दुष्प्रभाव खत्म होता है।
5- प्रतिदिन सूर्य उक्त का पाठ करने से भी कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
6- पितृ पक्ष के दौरान सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में एक दीपक जरूर जलाएं।
7- अमावस्या के दिन घर पर श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ कराएं।
8- हर माह के अमावस्या और पूर्णिमा से एक दिन पहले चतुर्दशी के दिन पीपल पेड़ पर दूध चढ़ाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें।
9- हर साल पितृ पक्ष में पड़ने वाली पितृ अमावस्या पर या फिर जिस तिथि पर पूर्वज की मृत्यु हुई उस तिथि पर पितृ दोष शांति के लिए पूजा-पाठ कराएं।
10- शनिवार के दिन किसी काले कुत्ते को उड़द के वड़े खिलाएं। इससे कुंडली में शनि, राहु और केतु ग्रहों का दुष्प्रभाव खत्म होता है।
11- प्रतिदिन सूर्य उक्त का पाठ करने से भी कुंडली में पितृ दोष का प्रभाव कम होता है।
12- पितृ पक्ष के दौरान सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा में एक दीपक जरूर जलाएं।
पितृ पक्ष में पितृ दोष के उपाय (Pitra Dosh Ke Upay)
पितृ दोष का उपाय करने के लिए पितृ पक्ष का समय सबसे उत्तम माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध देना चाहिए. पितरों को याद करना चाहिए. पूजा करते समय पितरों का स्मरण करें जीवन में होने वाली गलतियों के लिए माफी मांगे. कुत्ता, मछली और कौओं को भोजन दें. गाय को रोटी दें. इसके साथ ही अमावस्या की तिथि को पीपल के वृक्ष को जनेऊ अर्पित करें. इसके साथ ही अमावस्या की तिथि पर भी पितरों को याद कर उनके प्रति आदर-सम्मान व्यक्त करना चाहिए.
आचार्य मुरारी पांडेय जी
।।। जय सियाराम।।।
अपनी व्यक्तिगत समस्या के निश्चित समाधान हेतु समय निर्धारित कर ज्योतिषी आचार्य मुरारी पांडेय जी से संपर्क करे| हमआपको निश्चित समाधान का आश्वासन देते है|
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिये और उसका screenshot हमे भेजिए ( WhatsApp : +91 – 9717338577 ) और पाईये निशुल्क संपूर्ण जन्म कुंडली हिंदी या English में।