इस साल महाशिवरात्रि पर बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। दरअसल, महाशिवरात्रि के दिन तीन राशियों में 6 ग्रह मौजूद रहेंगे। इस दिन बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। महाशिवरात्रि पर ऐसा संयोग बना है। आइए विस्तार से जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर क्या दुर्लभ संयोग बना है और महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त कब तक रहेगा।
हर त्योहार की तरह ही महाशिवरात्रि की तारीख को लेकर भी लोगों में असंजस की स्थिति है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि शिवरात्रि का व्रत 18 फरवरी को रखा जाएगा या 19 फरवरी को? तो यहां जानिए महाशिवरात्रि का सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व।
इस बार महाशिवरात्रि पर बेहद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। दरअसल, इस बार 3 राशियों में 6 ग्रह रहने वाले हैं। इसके अलावा इस दिन कई राज योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं महाशिवरात्रि की तिथि, कब से कब तक है पूजा मुहूर्त।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार चतुर्दशी तिथि भगवान शिव की आराधना और पूजा के लिए समर्पित होता है। पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। लेकिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का विशेष महत्व होता है. शिवपुराण के अनुसार महाशिवरात्रि तिथि पर ही भगवान शिव सबसे पहले शिवलिंग के रूप में प्रगट हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग प्रगट हुआ था। इस कारण से हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसके अलावा फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ इस कारण से भी महाशिवरात्रि मनाई जाती है। ऐसे मान्यता है महाशिवरात्रि का व्रत रखने और भगवान शिव माता पार्वती की पूजा करने पपर वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती है और व्यक्ति का दांपत्य जीवन सफल रहता है।
इस बार महाशिवरात्रि एक दिव्य और दुर्लभ संयोग के साथ शनिवार 18 फरवरी को पड़ रही है। इस महाशिवरात्रि के कालखंड में शनि और सूर्य अर्थात पिता और पुत्र उस दिन संयुक्त मिल रहे हैं। इसके अलावा, शुक्र भी अपनी भाव में उच्च राशि में स्थित रहेंगे। इसके अलावा प्रदोष काल भी है।
महाशिवरात्रि के मौके पर तीन राशियों में 6 ग्रह मौजूद रहने वाले हैं। जिनमें से दो गुरु एक साथ मीन राशि में रहेंगे। जिसमें शुक्र और बृहस्पति शामिल हैं। वहीं, बुध और चंद्रमा जो पिता और पुत्र हैं, मकर राशि में रहेंगे और सूर्य और शनि जो पिता और पुत्र हैं, वे कुंभ राशि में रहेंगे। इस तरह मकर से मीन राशि तक 3 राशियों में 6 ग्रहों का अत्यंत दुर्लभ संयोग बनेगा। इससे कई राज योग बनेंगे। जैसे मालव्य योग, हंस योग, शश योग। इसके अलावा इस दिन शनि पुष्य योग भी बन रहा है। वहीं, शनि और सूर्य कुंभ राशि में संचार करेंगे। सूर्य और शनि पिता और पुत्र हैं ऐसे में इन दोनों का एक साथ आना बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं शुक्र, गुरु और नेपच्यून मीन राशि में विराजमान होने जा रहे हैं।
1. मेष राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महाशिवरात्रि मेष राशि के जातकों के लिए शुभ रहने वाला है। किस्मत आपके साथ रहेगी। इस राशि के जातक की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही आय के नए साधन प्राप्त होंगे।
2. कर्क राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कर्क राशि वालों के लिए महाशिवरात्रि भाग्योदय लेकर आई है। इस राशि के जातकों को सफलता प्राप्त मिलेगी। बिजनेस में तरक्की होगी। नौकरी में प्रमोशन होने के योग बन रहे हैं। धन लाभ हो सकता है।
3. धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए महाशिवरात्रि बेहद ही खास होने वाली है। सेहत में सुधार होगा। नई नौकरी के योग बन रहे हैं। आर्थिक स्थिति सुधरेगी। धन लाभ हो सकता है। व्यापार में वृद्धि होगी।
महाशिवरात्रि का चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 18 फरवरी 2023 को रात 08 बजकर 02 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर होगा।
निशिता काल का समय – 18 फरवरी, रात 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
प्रथम पहर पूजा समय – 18 फरवरी, शाम 06 बजकर 40 मिनट से रात 09 बजकर 46 मिनट तक
द्वितीय पहर पूजा समय – रात 09 बजकर 46 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक
तृतीय पहर पूजा समय – 19 फरवरी, रात 12 बजकर 52 मिनट से 03 बजकर 59 मिनट तक
चतुर्थ पहर पूजा समय -19 फरवरी, 03 बजकर 59 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक
पारण का समय – 19 फरवरी 2023, सुबह 06 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 40 मिनट तक
यह दिन भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे खास माना जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद 8 लोटे केसर का जल चढ़ाएं। उस दिन पूरी रात दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टा, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा अर्पित करें। आखिर में केसर वाली खीर का भोग लगाकर प्रसाद बांटें। ॐ नमो भगवते रुद्राय, ॐ नमः शिवाय रुद्राय संभवाय भवानीपतये नमो नम: मंत्र का जाप करें। इस दिन शिव पुराण का पाठ अवश्य करें। महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है।
आचार्य मुरारी पांडेय जी
।।। जय सियाराम।।।
हम आपको अपने अगले आर्टिकल में बताएंगे, महाशिवरात्रि पर राशि के अनुसार कैसे करें भोलेनाथ की पूजा
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